DU ANNUAL FLOWER SHOW "2009"

on Saturday, February 28, 2009




The show hosted on 27th feb 2009, the lawns of the Faculty of Social Sciences on the North Campus opposite Daulat Ram College from 12 noon to 5 p.m. On the occasion, a painting competition for school children and street plays by Jan Natya Manch were also organised. The show is held every year to promote interest in the environment among students, teachers and others. The special attractions this year cacti, orchids and succulents. A botanical quiz was held. The event was open to all colleges, institutions and departments of the University and other educational institutions in the city.The competitors will have to submit duly filled forms along with entry fee to the secretary of the Flower Show Committee.

Youth Awakening Rally

on Friday, February 27, 2009

Youth Awakening Rally was organized by ‘Leaders For Tomorrow’ (LFT) on 24th February, 2009। The rally aimed at encouraging young people to channelise their potential for nation building। The youth present there took a pledge to actively participate in the process of leading India towards progress, social change, harmony, prosperity and fulfilling the vision of making India the next Super Power. The rally began from the North Campus metro Station and went up to St. Stephen's college. Dignatries like Ms. Barkha dutt, Mr. Rajdeep Sardesai, Mr.Vijay Trivedi, Vice-Chancellor of DU Prof. Deepak Pental and Reverend Dr. Valson Thampu, Principal of St. Stephen's College also participated in the rally. LFT comprises of students from the Delhi University.












हम किसी से कम नही

on Friday, February 20, 2009


खुशी, सीमा (बदला हुआ नाम ) की वीरान जिंदगी में बहार लेकर आई थी । आज खुशी पाँच साल की हो गई है पर ठीक से बोल नही पाती। सीमा , खुशी को लेकर डॉक्टर के पास गई। डॉक्टर ने कुछ टेस्ट करने के बाद सीमा से खुशी का आई क्यू टेस्ट (बौद्धिक स्तर ) करवाने को कहा । आई क्यू टेस्ट होने के बाद यह साफ़ हो गया कि खुशी भगवान के भेजे हुए विशेष बच्चो में से एक है और मानसिक विक्लांगता कि शिकार है।

चाइल्ड डेवेलोपमेंट सेंटर की स्पेशल एक्जीक्यूटर नसीम फातिम के अनुसार ,"समय से पहले बच्चो का जन्म, बच्चो में आयोडीन की कमी , गर्भवती महिला को पौष्टिक आहार की कमी और जब बच्चा गर्भ में हो तो माँ के साथ कोई अप्रिय घटना का घटित होना आदि कारणों से अधिकतर बच्चों में मानसिक विकलांगता होती हैं। ऐसा ही कुछ खुशी के केस में भी हुआ। जब खुशी सीमा के गर्भ में थी तभी एक कार दुर्घटना में समा के पति सुरेश की मौत हो गई थी जिसके सदमे का असर सीमा के साथ -साथ खुशी के दिमाग पर भी पडा।

चाइल्ड डेवेलोपमेंट सेंटर एक ऐसा केन्द्र हैं जहाँ पर मानसिक रूप से विकलांग बच्चों को पढाया जाता है और उन्हें वोकेशनल ट्रेनिंग भी जाती हैं। इस डेवेलोपमेंट सेंटर की डायरेक्टर का कहना है कि "इन बच्चो के साथ मैं बहुत अच्छा महसूस करती हूँ और यह बच्चे दूसरे बच्चो कि ही तरह बहुत मासूम होते है बस इन्हे थोड़ा ज्यादा प्यार और केयर कि जरूरत होती है। " इस सेन्टर में इन बच्चों को मानसिक विकार से लड़ने के साथ- साथ मोमबत्ती बनाना , ग्रीटिंग बनाना और लिफाफे बनाने कि वोकेशनल ट्रेनिंग दी जाती है। इन बच्चो में अलग- अलग तरह के विकार है परन्तु इस सेंटर में इन सभी का उनकी विकलांगता से ध्यान हटाकर उनकी योग्यता पर ज्यादा ध्यान दिलाया जाता हैं। इन बच्चों के मनोचिकित्सक डॉक्टर जे सी निगम मानसिक विकलांगता के सिम्टम के बारे में कहना है कि इन बच्चो को बोलने, देखने या समझने में परेशानी होती है। अन्य बच्चो की तुलना में देर से बैठना, चलना और बोलना सीखते है। उन्हें बातों को याद रखने या नई चीजों को सिखने में परेशानी होती है। उन्हें तर्कसंगत तरीके से सोचने में परेशानी होती है।

कुछ केस में मानसिक विकलांग बच्चों को अगर नियमित रूप से दवाई दी जाये तो वो पूरी तरह से ठीक हो सकते है। लेकिन यह सभी केस पर लागू नही होता। कुछ मानसिक रोगी बहुत ही हिंसक होते हैं जिन पर काबू पाना मुश्किल होता है। मानसिक रूप से विकलांग लगभग 87 % लोग नई जानकारी और हुनर सिखने में कमजोर होते है। कुछ बच्चों के बचपन में उनकी मानसिक स्थिति का पता ठीक ढंग से नहीं चल पाता हैं। बाकी के बचे 13 % वे लोग होते हैं जिनका बौद्धिक स्तर का स्कोर 50 से कम होता है इन लोगों को स्कूल, घर और समुदाय में ज्यादा परेशानी होती है। परन्तु प्रत्येक मानसिक विकलांग बच्चे में सिखने और विकास करने की शक्ति होती है और मदद के साथ सभी मानसिक विकलांग बच्चे एक संतोषजनक जीवन बिता सकते हैं।

सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला

on Friday, February 13, 2009













सूरजकुंड हस्तशिल्प मेला, हरियाणा की पर्यटन विभाग ने 1981 में शुरू किया था । तब से हर साल इन्ही दिनों ये मेला लगता है। इस मेले का मुख्य आकर्षण है कि भारत के सभी राज्यों में से सबसे अच्छा शिल्प उत्पादों को एक ही स्थान पर जहाँ आप न देख सकते बल्कि उन्हें महसूस कर सकते हैं और उन्हें खरीद भी सकते है । इस शिल्प मेले में, आप सबसे अच्छे हथकरघा और देश के सभी हस्तशिल्प पा सकते हैं। साथ ही मेला मैदान के ग्रामीण परिवेश और समान के उचित मूल्य ने आगंतुकों को आकर्षित कर रहे है । ये मेला 15 फ़रवरी तक चलेगा। सूरजकुंड मेले में इस गांव के माहौल को न केवल शहर की सुविधा-निवासी गांव जीवन की एक स्वाद पाने के लिए, लेकिन यह भी राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खरीददारों के लिए पहुँच प्राप्त करने के शिल्पकारों में मदद करता है।

प्लास्ट इंडिया 09

on Thursday, February 12, 2009







दिल्ली के प्रगति मैदान में ०४-०९ फरवरी तक प्लास्टिक का मेला चला।

जामिया का तुल्य भारत

जामिया के आर्थिक विभाग ने "एको - फेस्ट" का आयोजन किया। इसमे जामिया के ही स्टूडेंट्स ने सभी का मनोरंजन किया...








जामिया में नंदिता दास

on Tuesday, February 10, 2009










इस सोमवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया में नंदिता दास के साथ एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इस वर्कशॉप में नंदिता ने फ़िल्म बनाने के दौरान ध्यान देने वाली बातो के बारे में बताया और साथ ही नंदिता ने अपनी आने वाली फ़िल्म फिराक के बारे में भी बताया।