सफर

on Friday, January 30, 2009

महानगर दिल्ली , यहाँ लोग सुबह शाम सफर करते है। कोई अपनी गाड़ी में ,कोई बाइक पर तो कोई बस में। मैं भी बस में सफर करती हूँ दिन के तीन से चार घंटे मेरे बस में ही गुजरते है क्यूंकि मैं उत्तरी दिल्ली में रहती हूँ और मेरा कॉलेज ओखला में है इसलिए रोज मुझे तीन से चार घंटे बस में बिताने पड़ते है। इस समय में मुझे लोगो को ओबजर्व करने का मौका मिलता है यह कुछ तस्वीरे मेरे सफर के कुछ पलों को दिखाने का प्रयास है । सफर के दौरान मैंने देखा है की यह सफर लोगो के होते हुए भी उन्हें एक अनदेखे धागे में बाँध देता है।

























जगमगाती दिल्ली

on Friday, January 23, 2009

भारत वर्ष अपना 60 वां गणतंत्र दिवस समारोह मनाने की पूरी तैयारी कर चुका है। राष्ट्रपति भवन, केन्द्रीय सचिवालय, संसद भवन और इंडिया गेट जैसी सभी महत्वपूर्ण इमारतों को बहुत ही सुंदर जगमगाती लाइटों से सजाया गया है जो इनकी सुन्दरता में चार चाँद लगा रही है।

अतिथि देवो: भव

रात के समय केन्द्रीय सचिवालय

इन्डिया गेट पर लाईट से बना तिरंगा

जगमगता केन्द्रीय सचिवालय

सत्यमेव जयते

HH THE DALAI LAMA IN JAMIA

on Saturday, January 17, 2009

Jamia Millia Islamia’s Centre for the Study of comparative religions and civilizations has organised a three-day global congress on world’s religion. The conference would look into the Asian perspective world after September 11, 2001.
The exiled Tibetan spiritual head HH the 14th Dalai Lama, Tenzin Gyatso along with the Vice Chancellor of the university, Prof Mushirul Hasan and other distinguished delegates participated were present at the opening ceremony of the conference on January 17 at the Ansari Auditorium.

Tibetans wait with traditional scarf to greet the Dalai Lama.

The Dalai Lama arrives at the Ansari Auditorium.

The Dalai Lama greets an elderly lady.

The Dalai Lama sprinkles water on a plant as part of Tibetan traditions.

Vice Chancellor handing the JMI Logo as a gift to the Dalai Lama.


The Dalai Lama addressing the gathering at the Ansari Auditorium.

A delegate attending the conference takes note.

A mesmerized audience listening to the Dalai Lama’s speech.

The Dalai Lama folds his hands as a gesture of goodbye before he left the Auditorium.