दिसम्बर का महिना खत्म हो चला है पर सर्दियाँ अब शुरू हुई है हम जब सुबह अपने नर्म और गर्म बिस्तर से उठते है तो क्या हममें से कोई यह बात सोचता है की बीती रात कितने लोगों ने सड़क, पार्क या फ़िर किसी फुटपाथ पर काटी होगी। मैं और आप इस ठण्ड में रजाई से निकले के बारे में भी नही सोच सकते लेकिन कुछ लोग पूरी रात बिना चद्दर के ही काट लेते है ये बहादुरी नही मजबूरी है । रोज़गार की तलाश में रोज़ बहुत से लोग दिल्ली आते है लेकिन दिल्ली में क्या अब लोगों का पेट भरने और उनके सर पर छत देने की शक्ति रह गई है ...?
दिल्ली, सुल्तानपुर बर्ड अभयारण्य दिल्ली से 46 किमी की दूरी पर स्थित घरेलू और प्रवासी पक्षीयों के लिए एक किस्म का स्वर्ग है। हर साल सर्दियों के मौसम में प्रवासी पक्षी यहाँ आते है। यहाँ पर नील गाय, हिरन भी मौजूद है।
भारत के हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला जिले में नन के लिए डोल्मा लिंग ज़नाना मठ बनाया गया है। यहाँ पर इनकी हर जरूरतों का ध्यान रखा जाता है। यहाँ पर इनकी अध्ययन सामग्री, धार्मिक गतिविधियों, और रोज़मर्रा की जरूरतों को पूरा किया जाता है । इन्हे धार्मिक शिक्षण के साथ -साथ तकनिकी शिक्षण भी दिया जाता है। ज़नाना मठ को पहले से तयशुदा आगंतुकों और पर्यटन के लिए खौला जाता है। प्रार्थना और पूजाओं विशेष अनुरोध करके प्रोफोर्म भी करवाया जाता है।
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