२४ सितम्बर 2008
दिल्ली में आज से लगभग एक महीना पहले भी लगातार बारिश के कारण बाढ़ आने की सम्भावना बन गयी थी। परन्तु भाग्यवश ऐसा नही हुआ । आज फिर से दिल्ली में बाढ़ आने की सम्भावना बन गयी हैं। यमुना पर बना लोहे का पुल जो की अंग्रेजो के समय का बना हुआ हैं आज बंद कर दिया गया। पुल बंद करने का कारण , यमुना में जल का स्तर का बढ़ जाना है । ये स्तर ६७६ सेमी तक पहुच गया है। यमुना के किनारे बसा पुस्ता समय रहते ही खाली करवा लिया गया था जिसके कारण जान-माल की हानि होने की अबतक कोई ख़बर नही मिली । परन्तु बाढ़ के कारण बहुत से लोगो को अपने घर से बेघर होना पड़ा है। सरकार का दावा है की वो बाढ़ पीड़ित लोगों की मदद करने में कोई कमी नही कर रही है। लेकिन जब मैंने युसूफ खान, (एक बाढ़ पीड़ित) से बात की तो उन्होंने बताया की सरकार ने खाने-पीने की व्यस्था तो दूर की बात है उनके लिए टेंट तक नही लगवाया ,जिसमे उनके बच्चे सर छुपा सकें । इसे कहते है करनी और कथनी में अन्तर ।
दिल्ली में आज से लगभग एक महीना पहले भी लगातार बारिश के कारण बाढ़ आने की सम्भावना बन गयी थी। परन्तु भाग्यवश ऐसा नही हुआ । आज फिर से दिल्ली में बाढ़ आने की सम्भावना बन गयी हैं। यमुना पर बना लोहे का पुल जो की अंग्रेजो के समय का बना हुआ हैं आज बंद कर दिया गया। पुल बंद करने का कारण , यमुना में जल का स्तर का बढ़ जाना है । ये स्तर ६७६ सेमी तक पहुच गया है। यमुना के किनारे बसा पुस्ता समय रहते ही खाली करवा लिया गया था जिसके कारण जान-माल की हानि होने की अबतक कोई ख़बर नही मिली । परन्तु बाढ़ के कारण बहुत से लोगो को अपने घर से बेघर होना पड़ा है। सरकार का दावा है की वो बाढ़ पीड़ित लोगों की मदद करने में कोई कमी नही कर रही है। लेकिन जब मैंने युसूफ खान, (एक बाढ़ पीड़ित) से बात की तो उन्होंने बताया की सरकार ने खाने-पीने की व्यस्था तो दूर की बात है उनके लिए टेंट तक नही लगवाया ,जिसमे उनके बच्चे सर छुपा सकें । इसे कहते है करनी और कथनी में अन्तर ।
घाट में घुसता पानी
लोगों का सामान
जल स्तर
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